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मणिपुर,गोवा में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी कांग्रेस

National.नई दिल्ली, 12 मार्च (हि.स.)। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस ने तीन राज्यों में सरकार बनाने का दावा पेश करने जा रही है।

दरअसल पांच राज्यों में से उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत हासिल किया है। वहीं पंजाब में कांग्रेस को बहुमत मिला है। ऐसे में तीन राज्यों में स्पष्ट बहुत की सरकार बनेगी लेकिन मणिपुर और गोवा दोनों ही राज्यों में में त्रिशंकु विधानसभा है। हालंकि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन कर उबरी है लेकिन भाजपा अन्य दलों के साथ मिलकर भाजपा यहां भी सत्ता हासिल कर सकती है। ऐसे में कांग्रेस भाजपा से पहले सरकार बनाने का दावा पेश करना चाहती है।

गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 40 सदस्यीय विधानसभा में 17 सीटें जीत कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। जबकि भाजपा को 13 सीटें मिली हैं। वहीं महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और गोवा फॉरवर्ड को तीन-तीन सीटें और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को एक सीट हासिल हुई है। तीन सीटें निर्दलीयों ने जीत ली है। इस बीच कांग्रेस और भाजपा ने सरकार बनाने के दावे किए हैं।

पांच सालों से सत्ता से दूर कांग्रेस ने जल्द ही सरकार बनाने का दावा पेश करने की तैय़ारी में है। वालपोई से कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे ने पणजी में कहा, ‘समान विचारधारा के कई लोग चुनाव जीते हैं, जिसमें मेरे मित्र (गोवा फॉरवर्ड के) विजय सरदेसाई शामिल हैं। पार्टी नेतृत्व के निर्णय के बाद निश्चित रूप से हम सरकार बनाएंगे।’

इससे पहले शनिवार को ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी घोषणा कर दी थी कि उनकी पार्टी गोवा में सरकार बनाएगी। हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर मंद्रेम सीट से कांग्रेस के दयानंद सोप्टे से करीब 7,119 मतों के अंतर से चुनाव हार गए हैं। पारसेकर ने अपनी हार के बाद राज्यपाल मृदुला सिन्हा को इस्तीफा सौंप दिया है।

वहीं मणिपुर में सत्तारुढञ कांग्रेस केवल 28 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। राज्य मणिपुर में बहुमत हासिल करने के लिए 31 सीटों की जरूरत है, जो किसी को नहीं मिला है। भाजपा 21 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही है। पूर्वोत्तर राज्यों में इसे भाजपा की बड़ी जीत माना जा रहा है। सत्ता काबिज करने के लिए अब दोनों ही पार्टी की निगाहें चार-चार सीटों पर जीत हासिल करने वाले नगा पीपल्स फ्रंट और नेशनल पीपल्स पार्टी पर हैं। ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस और लोक जनशक्ति पार्टी के हिस्से एक-एक सीटें आई हैं।

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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष टी. एन. हाओकिप ने लगातार चौथी बार सरकार बनाने का दावा किया है और कहा है कि उनकी पार्टी सरकार बनाने के लिए ‘समान सोच वाली धर्मनिरपेक्ष स्थानीय पार्टियों’ से बातचीत शुरू कर दी है। वहीं भाजपा के प्रवक्ता नोंगथोम्बम बिरेन ने भी दावा किया है कांग्रेस की संख्या अधिक होने के बावजूद उनकी पार्टी अगले मंत्रिमंडल का गठन करेगी।

मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी ने कहा, ‘लोगों ने बीते 15 वर्षो के विकास कार्यो की प्रशंसा की है। लोग शांति, स्थिरता, विकास और क्षेत्रीय एकता की सुरक्षा चाहते हैं।’ वहीं भाजपा के निमाईचंद लुवांग ने कांग्रेस पर धनबल और अपराध को हथियार बनाने का आरोप लगाया।

चुनावों से ठीक पहले भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) छोड़कर भाजपा से जुड़े टी. राधेश्याम और पार्टी प्रवक्ता एन. बिरेन ने मामूली अंतर से जीत हासिल करने में सफल रहे है। राधेश्याम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मोइरांगथेम ओकेंद्रो को मात्र 1647 मतों से और बिरेन ने कांग्रेस के ही पांगेइजाम शरतचंद्र सिंह को 1206 मतों के अंतर से हराया।

हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष थोनाओजाम चाओबा सिंह नामबोल सीट से हार गए हैं। उल्लेखनीय है कि उन्हें भाजपा के मुख्यमंत्री प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा था। चाओबा को कांग्रेस के नामीराकपाम लोकेन सिंह ने मात्र 280 मतों के अंतर से हराया। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार टी. चोऊबा की हार के बाद प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय नेता मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे।

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