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रविवार को 11 लाख परीक्षार्थी देंगे यूजीसी नेट परीक्षा

जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ) व असिस्टेंट प्रोफेसर की पात्रता के लिए सबसे बड़ी परीक्षा में 300 अंकों के दो पेपर होंगे; 11.48 लाख परीक्षार्थियों के लिए देश के 91 शहरों में 2082 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं

कोटा, 7 जुलाई (हि.स.)। सीबीएसई द्वारा यूजीसी नेट-2018 परीक्षा रविवार (8 जुलाई) को देश के 91 शहरों में 2082 परीक्षा केंद्रों पर होगी। इस वर्ष सर्वाधिक 11.48 लाख विद्यार्थियों ने नेट के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। नवंबर,2017 में 9.30 लाख ने पंजीयन कराया था। 
इस वर्ष आयु सीमा के क्राइटेरिया में बदलाव करने से 2 लाख परीक्षार्थी बढ़े हैं। अब जूनियर रिसर्च फैलोशिप व असिस्टेंट प्रोफेसर की पात्रता के लिए 30 वर्ष तक के अभ्यर्थी यह परीक्षा देंगे।

300 अंकों के दो पेपर होंगे

सीबीएसई कोआर्डिनेटर इंजी. प्रदीप सिंह गौड़ के अनुसार, इस वर्ष यूजीसी-नेट में पहला पेपर सुबह 9ः30 से 10ः30 बजे तक होगा। पेपर 100 अंकों का होगा, जिसमें जनरल एप्टीट्यूड के 50 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। इसमें रीजनिंग एबिलिटी, कंप्रिहेंशन, मेंटल एबिलिटी व जनरल अवेयरनेस के प्रश्न पूछे जाएंगेे। 

दूसरा पेपर सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक 2 घंटे का होगा, जिसमें 200 अंकों के 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। यह पेपर 84 विषयों में से चुने गए विषय पर आधारित होगा। दोनों पेपर के आंसर ओएमआर शीट पर देने होंगे। 

परीक्षार्थियों को सेंटर्स पर सुबह 7 बजे से प्रवेश दिए जाएंगे। उन्हें पेन एवं प्रवेश पत्र साथ लाना होगा। परीक्षा केंद्रों पर मेटल डिटेक्टर से प्रत्येक अभ्यर्थी की जांच की जाएगी| इसलिए मोबाइल, लॉग टेबल या अन्य मेटेलिक या डिजिटल वस्तुएं साथ न ले जाएं। सभी परीक्षा केंद्रों पर प्रत्येक हॉल में घडि़यां लगी रहेंगी, उससे पेपर देने का समय तय करें। कोटा में 15 सेंटर्स पर 7815 परीक्षार्थी नेट परीक्षा देंगे।

पैटर्न में किए ये बदलाव 

यूजीसी-नेट के पैटर्न में इस बार कुछ बदलाव किए गए हैं। पहला, अभ्यर्थी की उम्र 28 से बढाकर 30 वर्ष कर दी गई। दूसरा, 3 पेपर के स्थान पर 2 ऑब्जेक्टिव पेपर होंगे। जिससे पेपर की अवधि साढ़े पांच घंटे सेे घटकर 3 घंटे रह गई है। 

लेक्चररशिप में महिलाएं आगे

यूजीसी-नेट,2017 में 9.30 लाख परीक्षार्थियों में से 5.19 लाख महिलाएं एवं 4.09 लाख पुरूष अभ्यर्थी थे। इस वर्ष में 11.48 लाख में महिला अभ्यर्थियों की संख्या अधिक रहने की उम्मीद है। इसमें अधिकांश अभ्यर्थी शैक्षणिक क्षेत्र में जॉब में करते हुए लेक्चरर बनने के लिए यूजीसी-नेट परीक्षा देते हैं। 

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