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रोटी और चिकन के बाद अब पेश है ‘तंदूरी चाय’

पुणे (ईएमएस)। अदरक वाली चाय, इलायची वाली चाय, मसाला चाय और अब इस चाय में एक और नाम जोड़ लीजिए, तंदूर वाली चाय। तंदूर वाली चाय बाजार में आ गई है, वह भी एक अलग टेस्ट के साथ। कुछ लोगों को गर्मी में चाय से एतराज हो सकता है, लेकिन जो चाय के दीवाने होते हैं, उनके लिए मौसम नहीं, चाय मायने रखती है। जब चाय फ्लेवर में हो तो क्या कहने। चाय के आशिकों में तंदूर की चाय का क्रेज बढ़ने लगा है।

अभी तक हो सकता है, आपने सिर्फ तंदूरी रोटी, चिकन तंदूरी, पनीर तंदूर ही खाया या सुना हो, लेकिन पुणे के खराडी इलाके में ‘चाय ला’ नाम से अनोखा कैफे शुरू हुआ है, जहां तंदूर के अंदर चाय तैयार की जाती है। पुणे की इस चाय ने लोगों पर अपने स्वाद का जादू चलाना शुरू कर दिया है। इस चाय को जन्म देने वाले प्रमोद और अमोल नाम के दो नौजवान हैं। इस चाय के पैदा होने की कहानी यह है कि सर्दी के मौसम में अपने गांव में इन लोगों ने चूल्हे पर मटका रखा और उसमें चाय डाल कर पी। इस प्रयोग ने लाजवाब टेस्ट तैयार कर दिया। प्रमोद बानकर और अमोल राजदेव ने खराडी आईटी पार्क के पास ‘चाय ला’ कैफे शुरू किया है।

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बड़े से तंदूर में छोटा मटका भूना जाता है। इस मटके में चाय की पत्तियों को डालकर चाय तैयार की जाती है। ऐसी गर्म स्मोकी स्वाद वाली चाय कुल्हड़ में परोसी जाती है। चाय की शौकीन दिशा दरेकर कहती हैं, अभी तक मैंने मसाला चाय, बासुंदी चाय, ब्लैक टी ट्राइ की है, लेकिन इस चाय का स्वाद लाजवाब है। जो पिए वह मुरीद बन जाए। ‘चाय ला’ के मालिक अमोल ने बीएससी और प्रमोद ने फॉर्मेसी की डिग्री हासिल की है। कम वक्त में ही दोनों की तंदूरी चाय काफी लोकप्रिय हो गई है। ‘चाय ला’ ब्रैंड के फ्रेंचाइजी की मांग बढ़ने लगी है। फिलहाल यह चाय छह जगह पर मिल रही है। चाय ला के मालिकों का कहना है कि यह चाय देश में हर जगह पहुंचाने का उनका सपना है।

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