पटना/न्यूज़ डेस्क
दो संदिग्ध पाकिस्तानियों को लेकर बिहार-नेपाल सीमा पर अलर्ट जारी किया गया है। दोनों को काठमांडू के जामा मस्जिद के मौलाना आमिर अंसारी ने शरण दे रखी थी। …
पटना। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी नेपाल के रास्ते एक बार फिर भारतीय सीमा क्षेत्र में किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बिहार से लगे नेपाल के सभी सात जिलों को हाइअलर्ट कर दिया है। भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से गुजरने वाले सभी संदिग्धों की सघन तलाशी शुरू कर दी गई है।
दरअसल, भारतीय खुफिया एजेंसियों को नेपाल में छुपकर रह रहे दो संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिकों के संबंध में सूचना मिली है। ये दोनों पाकिस्तानी विगत 17 मार्च को पाकिस्तान के फैसलाबाद से काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बीस दिनों के वीजा पर उतरे थे। बाद में उन्होंने वीजा की अवधि बीस दिन और बढ़वा ली थी। इसके बाद से इन दोनों का कोई अता-पता नहीं है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों का कहना है कि दोनों संदिग्ध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से जुड़े हैं और नेपाल के रास्ते भारतीय सीमाक्षेत्र में किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।
इन दोनों संदिग्धों में एक का नाम मो. रबीबुल्लाह रहमान (45) और दूसरे का नाम मो. शमा रहमान (48) बताया जाता है। खुफिया एजेंसियों की मानें तो इन दोनों के नेपाल पहुंचने पर हवाईअड्डे पर आमिर अंसारी नामक एक मौलाना ने दोनों को रिसीव किया था।
आमिर अंसारी मूलरूप से कश्मीर का रहने वाला है और वहां से दीन-ए-इलाही की तालीम लेने के बाद काठमांडू के जामा मस्जिद में रह रहा था। आमिर के संबंध में जब खुफिया एजेंसियों ने जांच की तो पाया कि आमिर भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निर्मित मदरसों व मस्जिदों में इस्लामिक तकरीर किया करता है। फिलहाल आमिर भी काठमांडू से लापता है। जबकि दोनों संदिग्ध पाकिस्तानियों के संबंध में बताया जाता है कि ये फैसलाबाद के जामा इस्लामिया इंदादिया मदरसा मौलाना हैं। खुफिया एजेंसियों ने इस मामले में नेपाल स्थित भारतीय दूतावास के साथ-साथ दोनों देशों की सीमा पर अवस्थित आव्रजन कार्यालयों को अलर्ट कर दिया है।