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गोरक्षा के नाम पर कानून-व्यवस्था हाथ में लेने वालों से सख्ती बरतें राज्य : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 22 सितम्बर : गौरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करनेवाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान गुजरात, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, झारखंड और कर्नाटक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना रिपोर्ट दाखिल किया। सुप्रीम कोर्ट ने बाकी राज्यों को भी पालना रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले पर अगली सुनवाई 31अक्टूबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों को गोरक्षकों की हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने की जिम्मेदारी बनती है। कानून व्यवस्था हाथ में लेने वालों के साथ सख्ती से निपटना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से कहा कि उसके 6 सितंबर के दिशा-निर्देशों को लागू किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद में ट्रेन में मारे गए जुनैद के मामले को अपने हाथ में लेने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जुनैद के मामले को अलग फोरम पर उठाया जाना चाहिए।

पिछले 6 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोगों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए । इसके लिए एक प्रक्रिया होनी चाहिए। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा था कि विजिलेंटिज्म बढ़ना नहीं चाहिए और इसके खिलाफ कोई कार्रवाई होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें ये देखेंगी कि ऐसी घटनाएं न हों। राज्य सरकारें एक सीनियर पुलिस अधिकारी को ऐसी शिकायतों की देखरेख के लिए नियुक्त करें।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की वकील इंदिरा जय सिंह ने कहा था कि गौरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार केवल बयान देती है। इसके लिए कड़े दिशा-निर्देश देने की जरुरत है। ये पूरे देश का मसला है। 

उसके पहले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि वो किसी भी तरह के निजी विजिलेंस का समर्थन नहीं करता है। केंद्र की ओर से सालिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा था कि ये राज्य का मसला है और इससे केंद्र का कोई लेना-देना नहीं है। सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने कहा कि इस तरह की घटना रोकने के लिए पर्याप्त क़दम उठाए गए हैं। 

कोर्ट ने सालिसिटर जनरल का बयान रिकॉर्ड कर लिया और केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि गो रक्षा को लेकर हिंसा के मामले में अपना हलफनामा दाखिल करें।

कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने याचिका दायर कर मांग की है कि गोरक्षा दलों पर बैन लगाया जाए। याचिका में कहा गया है कि गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार ने गोरक्षकों को ट्रकों की चेकिंग के लाइसेंस दे रखे हैं। इन गोरक्षकों को दिया गया लाइसेंस रद्द किया जाए।

याचिका में देशभर में गोरक्षा के नाम पर हिंसा फैलानेवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार और छह राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था। (हि.स.)।

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