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ठाणे में बेलगाम बोगस डॉक्टर , इन फर्जी डॉक्टरो का शाने -शौकत से चल रहा हैं कारोबार

मुंबई 13 जनवरी : प्रायः ग्रामीण क्षेत्रों में अथवा शहर की झोपड़ियों की बस्ती में रह रहे अनपढ़ ,गरीबी रेखा के नीचे पल रहे लाचार लोगों की मदद और सस्ती दरों पर इलाज मुहैया कराने की दृष्टि से चिकित्सक सुविधाएं देने हेतु डॉक्टर जाना चाहिए पर अधिकृत डॉक्टर के न होने पर काम डिग्री वाले झोला छाप चिकित्सकों ने ही ग्रामों, कस्बो ,पाड़ा व पेठ आदि में अपनी पकड़ बना ली है | पानी जब सर से ऊपर होता है यानि मरीज की जान पर बन आती है तब बोगस डॉक्टर की धर पकड़ हो पाती है | उसमे से भी कुछ इक्का -दुक्का ही पकड़ में आते है | गत वर्ष झोला छाप चिकित्सकों पर 28 मामलें न्यायललय में दर्ज हुए जबकि ठाणे के मुरबाड में एक बोगस डॉक्टर पर मुक़दमा कायम होने के बाद भी उसने पुनः अपना अस्पताल चलाने का दुःसाहस किया | 

ठाणे जिला ग्रामीण भागों व शहर की टपरियों वाली बस्ती में ये झूठे डॉक्टर अपना नेटवर्क फैला चुके है | बोगस डॉक्टर शोध पुनर्विलोकन समिति को इस बारे में जानकारी मिली तब सन 2016 -17 के दौरान 34 डॉक्टर पर मामला कायम किया | परन्तु फिर 9 माह में एक भी बोगस डॉक्टर समिति के हाथ नहीं लगा | तो संदेह होता है कि क्या सरकारी मशीनरी ही इनको आश्रय तो नहीं देती ? जिला स्तर पर बोगस चिकित्सकों पर नकेल कसने के वास्ते।बोगस डॉक्टर शोध समिति बनाई थी शिकायत करने पर अक्सर जिला अधिकारी जन साधारण को जान जागृति चलने की सलाह देते है ,आरोप है कि स्वास्थ अधिकारियो व बोगस डॉक्टर के मध्य सांठ -गांठ है | 

इधर समिति की माह में एक बार ही औपचारिक बैठक की जाती है | पर साल में एक भी बोगस डॉक्टरभिवंडी में पकड़ में आया ,गत वर्ष मुरवाड़ तहसील में सर्वाधिक 18 ,अंबरनाथ में 16 सहित कुल 34 डॉक्टर पर कार्यवाही की गई | भिवंडी में 5 चिकित्सको पर मामला दर्ज हो पर भनक लगते ही वे नौ दो ग्यारह हो गए | 

कहा जाता है कि सभी नियमो को तक पर रख कर गांव में फर्जी डॉक्टर शाने -शौकत से कारोबार चलता है इनकी तड़क -भड़क देखकर शक भी नहीं होता ,कम फ़ीस के चक्कर में यहाँ भीड़ जमा रहती है | वैसे भी नामी चिकित्सकों की भारी फीस की वजह ,मंहगे टेस्ट कराने की मजबूरी भी उन्हें बोगस डॉक्टर तक खींच लाते है | (हि स ) 

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