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बारिश ने बुरी तरह से उधेड़ी तीर्थ नगरी की सड़कें

ऋषिकेश, 08 अगस्त(हि.स.)। बारिश की मार झेल झेल कर तीर्थनगरी के विभिन्न स्थानों पर महत्वपूर्ण सड़कें बुरी तरह से जख्मी हो गई है। अब इन पर से गुजरना ही लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

ऋषिकेश अधिकांश सड़कें अपनी बेबसी पर आंसू बहा रही है, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार आंखों में सुरमा डाले हुए हैं। बारिश की मां जेल जेल कर गधों के रूप में तब्दील हो चुकी सड़कों को देख अब यह कह पाना भी बेहद मुश्किल है कि सड़कों में गड्ढे हैं या फिर गड्ढों में सड़क। हैरत की बात यह भी है कि राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कों को लेकर लोनिवि और नगर क्षेत्र की सड़कों को लेकर निगम प्रशासन का रुख आए दिन हो रहे सड़क हादसों के बावजूद बेहद गैर-जिम्मेदाराना नजर आ रहा है। सड़कों के गड्ढों में रपटकर अनेको लोग रोजाना अस्पताल का रास्ता नाप रहे हैं, लेकिन अफसर तो सोये हुए हैं।

यही वजह है कि सड़कों के गहरे गढ्ड़े भरे जाने का सिलसिला शुरू नहीं हो सका। लापरवाही इसलिए भी चुभ रही है, क्योंकि अधिकाशं सड़को से कांवड़िये गुजरकर जख्मी हो रहे हैं लेकिन विभागों की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा। शहर में गढ्ड़ों की बात करें तो सबसे खराब सड़क ऋषिकेश लक्ष्पुमण झूला मार्ग की हो रखी है। चंद्रभागा पुल से लेकर कैलाश गेट तक अनेकों जगहों पर सड़क बुरी तरह से उधड़ी पड़ी है।चारधाम यात्रा के आगाज से पूर्व इस सड़क का निर्माण लोकनिर्माण विभाग ने कराया था। लोनिवि अफसर सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता को लेकर अपनी पीठ अक्सर थपथपाते रहते हैं। उन्हीं की सड़क में बारिश से इतने गढ्डे हो गए हैं कि उनकी गिनती करना मुश्किल है। इसके अलावा डीजीबीआर चौक से पहले ग्रीफ कार्यालय के सामने सड़क इस कदर क्षतिग्रस्त हो रखी है कि यहां वाहनों से गुजरते समय लोगों को हिचकोले खाने पड़ रहे हैं। हैरत की बात यह भी है कि पिछले एक वर्ष में ही इस सड़क का निर्माण कई बार कराया जा चुका है, लेकिन घटिया सामग्री से निर्मित हो रही सड़क कुछ कुछ समय के अंतराल के बाद लगातार क्षतिग्रस्त होती रही है। इन सबके बीच बड़ा सवाल यह भी है कि खस्ताहाल सड़कों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कभी कोई कार्रवाई होगी भी कि नहीं।

सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता अरविंद का कहना है कि इस दौरान भारी वर्षा हो गई है जिसके कारण सर के छत्तीसगढ़ी है लेकिन उनके द्वारा समय-समय पर सड़कों के गड्ढे भरे जाने का कार्य किया जाता था अब बरसात खत्म होते ही सभी सड़कों को दुरुस्त कर लिया जाएगा ।

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