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उत्तर प्रदेश में मिला फर्जी मतदाताओ का भंडार .

लखनऊ 12 जनवरी= उत्तर प्रदेश के मतदाताओं की सूची का गुरुवार को अंतिम प्रकाशन कर दिया गया। अब प्रदेश के कुल मतदाताओं की संख्या 13.85 करोड़ से बढ़कर 14.12 करोड़ हो गयी है। सूची पुनरीक्षण के दौरान प्रदेश भर में 32.36 लाख मतदाताओं के नाम फर्जी पाये गये, जिन्हें मतदाता सूची से हटा दिया गया है।  

मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश ने बताया कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के बाद महिला मतदाताओं के अनुपात में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि आयोग ने महिला मतदाताओं के लिए विशेष अभियान भी चलाया था। परिणामस्वरुप महिला मतदाताओं का अनुपात उनकी जनसंख्या के सापेक्ष आलेख्य प्रकाशन के समय जो 58.78 प्रतिशत यानी 6.26 करोड़ था, वह बढ़कर अब 60.38 प्रतिशत यानी 6.44 करोड़ हो गया है। इसी प्रकार लिंग अनुपात जो पहले 827 था, वह बढ़कर अब 839 हो गया है। उन्होंने बताया कि लिंग अनुपात में वृद्धि राज्य के सभी 75 जनपदों में हुई है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के आवेदन अधिक आये थे। इसके लिए जमा किये गये फार्म-6 की कुल संख्या 69.87 लाख में से पुरुषों के फार्म 31.84 लाख थे जबकि महिलाओं के कुल 38.03 लाख फार्म मिले थे। महिलाओं के सबसे अधिक फार्म-6 मीरजापुर जिले से (68558 फार्म) मिले थे। टी. वेंकटेश ने आगे बताया कि पुनरीक्षण में 18 से 19 आयु वर्ग के युवा मतदाताओं के भी 20.57 लाख नाम जोड़े गये। अब इस आयु वर्ग के मतदाताओं की कुल संख्या 24.53 लाख हो गयी है।

उन्होंने बताया कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत आयोग ने 15 सितम्बर से 15 नवम्बर 2016 तक दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि निर्धारित की थी। आज अंतिम प्रकाशन के बाद अब प्रदेश में मतदाताओं की कुल संख्या 14.12 करोड़ हो गयी है। पुनरीक्षण में 32.36 लाख मतदाताओं के नाम हटाये गये। इनमें 5.53 लाख मतदाताओं के नाम एक से अधिक जगह पाये गये थे जबकि 14.99 लाख मतदाता अपने पूर्व निवास स्थान से कहीं और चले गये हैं लेकिन उनके नाम वहां की मतदाता सूची में विद्यमान रहे। इसी तरह पुनरीक्षण में 11.90 लाख ऐसे मतदाताओं के नाम मिले जिनकी अब मौत हो चुकी है। टी. वेंकटेश ने बताया कि अब कुल 14.12 करोड़ मतदाताओं में 76809778 पुरुष, 64436122 महिला और 7272 थर्ड जेन्डर यानी किन्नर मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि फोटोयुक्त मतदाता सूची में उपलब्ध फोटो की संख्या एवं मतदाता फोटो पहचान पत्र की संख्या भी अब व्यवहारिक रुप से शत प्रतिशत हो गयी है।

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