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पालघर – तूफान से क्षतिग्रस्त गांवो का मंत्री असलम शेख ने किया निरीक्षण || चक्रवात से प्रभावित मछुआरों को दिलाएंगे मुआवजा || बीजेपी ने दौरे को बताया दिखावा और भेदभाव पूर्ण

पालघर : अरब सागर में आए तौकते चक्रवाती तूफान से पालघर के मछुवारों की नाव और उनके घर को पहुंचे नुकसान का मुआवजा दिलाने का आश्वासन कपड़ा, मत्स्य पालन और बंदरगाह विकास मंत्री असलम शेख ने दिया है.

बता दे की गुरुवार को पालघर में तौकते तूफान से क्षतिग्रस्त हुए गांवो का निरिक्षण करने आए मंत्री असलम शेख ने पालघर तहसील में क्षतिग्रस्त हुए मुरबे,टेंभो, उसाळी, भुडवळ,कोरे व अन्य गांव का निरिक्षण करने के बाद पालघर के डीएम से मुलाकात करके जिले में तूफान से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद मंत्री असलम शेख ने कहा की इस तूफान में जिन मछुवारों की नाव और उनका घर क्षतिग्रस्त हुवा है,और जिन लोगों की इस तूफान से आजीविका प्रभावित हुई है, उन्हें सरकार की तरफ से मुआवजा दिलाने के लिए प्रयास करूगां. इन गांवो में तूफान के कारण कुछ मछुवारों के नाव और घर क्षतिग्रस्त हुए है. इस अवसर पर सांसद राजेंद्र गावित, विधायक नाना पटोले,तहसीलदार सुनिल शिंदे ,एसडीएम तोरस्कर समेत जिला के अन्य अधिकारी व स्थानिक नेता मौजूद थे .

[box] बीजेपी ने दौरे को बताया दिखावा और भेदभाव पूर्ण

संगठन महामंत्री संतोष जनाठे

वही इस दौरे पर सवाल उठाते हुए भाजपा पालघर जिला संगठन महामंत्री संतोष जनाठे ने कहा की मंत्री असलम शेख और विधायक नाना पटोले का पालघर में तौकते तूफान से क्षतिग्रस्त हुए गांवो का निरिक्षण पूरी तरह से अधुरा,भेदभाव पूर्ण और दिखावा था. इस तूफान से पालघर जिला के केवल चार गांव के मछुवारों का नुकसान नहीं हुवा है. सागर किनारे बसे सातपाटी, वडराई, दहानू चिंचनी समेत अनेक गांवो में भी मछुवारों को तूफान नें नुकसान पहुंचाया है,उनके भी घर क्षतिग्रस्त हुए उनके घर के ऊपर के छप्पर उड़ गए है. उनकी भी नाव क्षतिग्रस्त हुई है. इस लिए इन्हें इन गांवो का भी निरिक्षण करना चाहिए था. इनका यह दौरा पूर्ण रूप से भेदभाव पूर्ण और दिखावा था. [/box]

 

o[box]     सोशल डिस्टेंसिंग की उडी धज्जियां

राज्य में तेजी से फैले कोरोना संक्रमण के रोक थाम के लिए जहां राज्य सरकार और प्रशासन आम जनता को क़ानूनी पाठ पढ़ाती है, और कानून का उलंघन करने वालों पर क़ानूनी हंटर चलाती है. लेकिन इस दौरे में सरकार के मंत्री इस कानून को खुद भूल गए और उनके साथ मौजूद लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आए जैसा की तस्वीरों में दिखाई दे रहा है . दौरे की आई इन तस्वीरों को देखने के बाद अब यह सवाल उठ रहे है की कोरोना संक्रमण के रोक थाम के लिए बने सभी कानून केवल आम जनता के लिए है.[/box]                  

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